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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - तृतीय प्रश्नपत्र - सामुदायिक विकास एवं प्रसार प्रबन्धन

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :172
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2695
आईएसबीएन :0

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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - तृतीय प्रश्नपत्र - सामुदायिक विकास एवं प्रसार प्रबन्धन

प्रश्न- समुदाय के प्रकार बताइए।

उत्तर -

समुदाय के प्रकार

समुदाय एक निश्चित स्थान या भूभाग में रहने वाले व्यक्तियों का ऐसा समूह है, जिसकी एक संस्कृति होती है, एक जैसी जीवन प्रणाली होती है जो अपनी सभी आवश्यकताओं की पूर्ति समुदाय के भीतर ही पूरी कर लेते हैं।

इस प्रकार उनमें वय भावना होती है और समुदाय के प्रति वफादारी का भाव होता है।

समुदाय शब्द लैटिन भाषा के 'Com' तथा 'Munis' शब्दों से बना है। Com का अर्थ है Together अर्थात् एक साथ मिलकर सेवा करना।

इस प्रकार समुदाय का अर्थ है एक साथ मिलकर सेवा करना। अन्य शब्दों में हम कह सकते हैं कि व्यक्तियों का एक ऐसा समूह जिसमें परस्पर सहयोग द्वारा अपने अधिकारों का उपयोग किया गया है, समुदाय कहलाता है।

आगबर्न एवं निमकॉफ के अनुसार - "एक सीमित क्षेत्र के अन्दर रहने वाले सामाजिक जीवन के पूर्ण संगठन को समुदाय कहा जा सकता है। "

समुदाय के प्रकार

समुदाय के दो प्रकार बताये गये हैं -

(1 ) ग्रामीण समुदाय

प्रारम्भिक काल से ही मानव जीवन का निवास स्थान ग्रामीण समुदाय रहा है। धीरे-धीरे एक ऐसा समय आया जब हमारी ग्रामीण जनसंख्या चरमोत्कर्ष पर पहुँच गयी। आज औद्योगीकरण एवं शहरीकरण का प्रभाव मानव को शहर की तरफ प्रोत्साहित तो कर रहा है लेकिन आज भी शहरी दूषित वातावरण से प्रभावित लोग ग्रामीण पवित्रता एवं शुद्धता को देखकर ग्रामीण समुदाय में बसने के लिये प्रोत्साहित हो रहे हैं।

ग्रामीण समुदाय की विशेषताएँ

ग्रामीण समुदाय की कुछ ऐसी विशेषताएँ होती हैं जो अन्य समुदाय में नहीं पाई जाती हैं। ग्रामीण समुदाय में पाया जाने वाला प्रतिमान एक विशेष प्रकार का होता है।

(1) प्राकृतिक निकटता - ग्रामवासियों का मुख्य व्यवसाय कृषि एवं उससे सम्बन्धित कार्य होता है।
(2) कृषि व्यवसाय - ग्रामीण अंचल में रहने वाले अधिकाधिक ग्रामवासियों का खेती योग्य जमीन पर स्वामित्व होता है, खेती करना।
(3) जातिवाद एवं धर्म का अधिक महत्व - रूढ़िवादिता एवं परम्परावाद ग्रामीण जीवन के मूल में समाजशास्त्रीय लक्षण हैं। फलस्वरूप आज भी जातिवाद, धर्मवाद में हमारी अटूट श्रद्धा है। ग्रामीण समाज में                 छुआछूत व संकीर्णता पर विशेष बल दिया जाता है।
(4) सरल और सादा जीवन - ग्रामीण समुदाय के अधिकारिक सदस्यों का जीवन सरल एवं सामान्य होता है। इनके ऊपर शहरी चमक-दमक का प्रभाव कम होता है।
(5) संयुक्त परिवार ग्रामीण - समुदाय में संयुक्त परिवार का अपना विशेष महत्व है। इनके ऊपर शहरी चमक-दमक का प्रभाव कम होता है। उनका जीवन कृत्रिमता से दूर सादगी में रमा रहता है।
(6) सामाजिक जीवन में समीपता वास्तव में ग्रामीण जीवन में अत्यधिक समीपता पाई जाती है।
(7) सामुदायिक भावना - ग्रामीण समुदाय की एक महत्वपूर्ण विशेषता इनके अन्दर सामुदायिक भावना पायी जाती है। ये लोग एक साथ रहने की इच्छा रखते हैं।
(8) स्त्रियों की निम्न स्थिति - ग्रामीण समुदाय में स्त्रियों की निम्न स्थिति पायी जाती है। यहाँ पर स्त्रियों की अशिक्षा इसका प्रमुख कारण बनती है।

(2) नगरीय समुदाय

विभिन्न विद्वानों द्वारा व्यक्त परिभाषाओं के अतिरिक्त नगरीय समुदाय को स्पष्ट करने के लिये आवश्यक है कि इसकी कुछ प्रमुख विशेषताओं की चर्चा की जाये।

नगर के विकास के इतिहास से पता चलता है कि कुछ नगर तो नियोजित ढंग से बसाये गये हैं लेकिन कुछ ग्रामीण समुदाय के आकार के बढ़ने से नगर का रूप धारण कर गये हैं।

नगरीय समुदाय का अर्थ है- नगरीय शब्द नगर से बना है जिसका अर्थ नगरों से सम्बन्धित है। जैसे- शहरी समुदाय को एक सूत्र में बाँधना अत्यन्त कठिन है। यद्यपि हम नगरीय समुदाय को देखते हैं, वहाँ के विचारों से पूर्ण अवगत हैं लेकिन उसे परिभाषित करना आसान नहीं है।

नगरीय समुदाय की विशेषताएँ - यह निम्नलिखित हैं -

(1) जनसंख्या का अधिक घनत्व - रोजगार की तलाश में गाँव से शिक्षित एवं अशिक्षित बेरोजगार व्यक्ति शहर में आते हैं। जनसंख्या वृद्धि के कारण आज सीमित जमीन में लोगों को जीवन निर्वाह करना कठिन         पड़ रहा है।
(2) विभिन्न संस्कृतियों का केन्द्र - कोई नगर किसी एक विशेष संस्कृति के जनसमुदाय के लिये आरक्षित नहीं होता। इसलिए देश के विभिन्न गाँवों से लोग नगर में आते हैं और वहीं बस जाते हैं।
(3) औपचारिक सम्बन्ध - नगरीय समुदाय में औपचारिक सम्बन्ध का बाहुल्य होता है। देखा जाता है कि सदस्यों का व्यस्त जीवन आपसी सम्बन्ध औपचारिक होता है।
(4) अन्धविश्वासों में कमी - नगरीय समुदाय में विकास के साधन एवं सुविधाओं की उपलब्धता के साथ-साथ यहाँ शिक्षा, सामाजिक बोध ग्रामीण समुदाय से अधिक पाया जाता है।
(5) अनामकता - नगरीय समुदाय की विशालता एवं उसके व्यस्त जीवन के कारण लोगों को पता ही नहीं होता है कि पड़ोस में कौन रहता है और क्या करता है।
(6): आवास की समस्या - कारखाने वाले नगरों में नौकरी की तलाश में श्रमिकों की संख्या बढ़ जाती है जिसके कारण उनके रहने के लिये उपयुक्त स्थान नहीं मिल पाता है और झुग्गी-झोपड़ी जैसी बस्तियाँ बढ़ने         लगती हैं।
(7) वर्ग अतिवाद - नगरीय समुदाय में धनियों के धनी और गरीब से गरीब वर्ग के लोग पाये जाते हैं अर्थात् यहाँ एक तरफ भव्य कोठियों में रहने वाले ऐश्वर्यपूर्ण जीवन व्यतीत करने वाले लोग तथा दूसरी तरफ         मकानों के अभाव में गरीब एवं कमजोर सड़क की पटरियों पर सोने वाले भरपेट भोजन न नसीब होने वाले लोग भी निवास करते हैं।
(8) गाँव, कस्बा, कोई नई बस्ती, नगर, राष्ट्र, जनजाति (जोकि एक निश्चित क्षेत्र में निवास करती है) इत्यादि समुदायों के प्रमुख उदाहरण हैं।

इनमें समुदाय के सभी आधारभूत तत्व तथा विशेषताएँ पायी जाती हैं। परन्तु कुछ ऐसे समूह अथवा संगठन भी हैं जिनमें समुदाय की कुछ विशेषताएँ तो पाई जाती हैं, परन्तु कुछ में नहीं। ऐसे समूहों को सीमावर्ती समुदायों की संज्ञा दी जाती है।

समुदाय की कुछ विशेषताएँ न होने के कारण इन्हें पूरी तरह से समुदाय नहीं माना जा सकता है।

जाति, जेल, पड़ोस तथा राज्य सीमावर्ती समुदायों के उदाहरण हैं। ये समुदाय तो नहीं हैं परन्तु समुदाय की कुछ विशेषताओं का इनमें समावेश होने के कारण इनके समुदाय होने का भ्रम उत्पन्न होता है।

निष्कर्ष - निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि समुदाय एक निश्चित स्थान या भू-भाग में रहने वाले व्यक्तियों का एक ऐसा समूह है, जिसकी एक संस्कृति होती है, एक जैसी जीवन प्रणाली होती है, जो अपनी सभी आवश्यकताओं की पूर्ति समुदाय के भीतर ही पूरी कर लेते हैं। इस प्रकार उनमें वय भावना होती है और समुदाय के प्रति वफादारी का भाव होता है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- प्रसार शिक्षा से आप क्या समझते हैं? प्रसार शिक्षा को परिभाषित कीजिए।
  2. प्रश्न- प्रसार शिक्षा की प्रमुख विशेषताएँ बताइये।
  3. प्रश्न- प्रसार शिक्षा का क्षेत्र समझाइए।
  4. प्रश्न- प्रसार शिक्षा के उद्देश्य बताइये।
  5. प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा से आप क्या समझते हैं? गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का क्षेत्र समझाइये।
  6. प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा के उद्देश्यों का विस्तार से वर्णन कीजिये।
  7. प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा की विशेषताएँ समझाइये।
  8. प्रश्न- ग्रामीण विकास में गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का महत्व समझाइये।
  9. प्रश्न- प्रसार शिक्षा, शिक्षण पद्धतियों को प्रभावित करने वाले प्रमुख तत्वों का वर्णन करो।
  10. प्रश्न- प्रसार कार्यकर्त्ता की भूमिका तथा गुणों का वर्णन कीजिए।
  11. प्रश्न- दृश्य-श्रव्य साधन क्या हैं? प्रसार शिक्षा में दृश्य-श्रव्य साधन की भूमिका का वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- सीखने और प्रशिक्षण की विधियाँ बताइए। प्रसार शिक्षण सीखने और प्रशिक्षण की कितनी विधियाँ हैं?
  13. प्रश्न- अधिगम या सीखने की प्रक्रिया में मीडिया की भूमिका बताइये।
  14. प्रश्न- अधिगम की परिभाषा देते हुए प्रसार अधिगम का महत्व बताइए।
  15. प्रश्न- प्रशिक्षण के प्रकार बताइए।
  16. प्रश्न- प्रसार कार्यकर्त्ता के प्रमुख गुण (विशेषताएँ) बताइये।
  17. प्रश्न- दृश्य-श्रव्य साधनों के उद्देश्य बताइये।
  18. प्रश्न- प्रसार शिक्षा की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
  19. प्रश्न- प्रसार शिक्षा के मूल तत्व बताओं।
  20. प्रश्न- प्रसार शिक्षा के अर्थ एवं आवश्यकता की विवेचना कीजिए।
  21. प्रश्न- श्रव्य दृश्य साधन क्या होते हैं? इनकी सीमाएँ बताइए।
  22. प्रश्न- चार्ट और पोस्टर में अन्तर बताइए।
  23. प्रश्न- शिक्षण अधिगम अथवा सीखने और प्रशिक्षण की प्रक्रिया को समझाइए।
  24. प्रश्न- सीखने की विधियाँ बताइए।
  25. प्रश्न- समेकित बाल विकास सेवा (ICDS) कार्यक्रम को विस्तार से समझाइए।
  26. प्रश्न- महिला सशक्तिकरण से आपका क्या तात्पर्य है? भारत में महिला सशक्तिकरण हेतु क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
  27. प्रश्न- स्वच्छ भारत अभियान की विस्तारपूर्वक विवेचना कीजिए। इस अभियान के उद्देश्यों का उल्लेख करें।
  28. प्रश्न- 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना का वर्णन कीजिए।
  29. प्रश्न- उज्जवला योजना पर प्रकाश डालिए।
  30. प्रश्न- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- स्वच्छ भारत अभियान घर प्रकाश डालिए।
  32. प्रश्न- भारत में राष्ट्रीय विस्तारप्रणाली की रूपरेखा को विस्तारपूर्वक समझाइए।
  33. प्रश्न- स्वयं सहायता समूह पर टिप्पणी लिखिए।
  34. प्रश्न- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का उद्देश्य बताइये।
  35. प्रश्न- स्वच्छ भारत अभियान पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  36. प्रश्न- उज्जवला योजना के उद्देश्य बताइये।
  37. प्रश्न- नारी शक्ति पुरस्कार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  38. प्रश्न- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना पर प्रकाश डालिए।
  39. प्रश्न- स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना का वर्णन कीजिए।
  40. प्रश्न- स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना पर टिप्पणी लिखिए।
  41. प्रश्न- प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना क्या है? इसके लाभ बताइए।
  42. प्रश्न- श्रीनिकेतन कार्यक्रम के लक्ष्य क्या-क्या थे? संक्षिप्त में समझाइए।
  43. प्रश्न- भारत में प्रसार शिक्षा का विस्तार किस प्रकार हुआ? संक्षिप्त में बताइए।
  44. प्रश्न- महात्मा गाँधी के रचनात्मक कार्यक्रम के लक्ष्य क्या-क्या थे?
  45. प्रश्न- सेवा (SEWA) के कार्यों पर टिप्पणी लिखिए।
  46. प्रश्न- कल्याणकारी कार्यक्रम का अर्थ बताइये। ग्रामीण महिलाओं और बच्चों के लिए बनाये गए कल्याणकारी कार्यक्रमों का वर्णन कीजिए।
  47. प्रश्न- सामुदायिक विकास से आप क्या समझते हैं? सामुदायिक विकास कार्यक्रम की विशेषताएँ बताइये।
  48. प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना का क्षेत्र एवं उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
  49. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम के उद्देश्यों को विस्तारपूर्वक समझाइए।
  50. प्रश्न- सामुदायिक विकास एवं प्रसार शिक्षा के अन्तर्सम्बन्ध की चर्चा कीजिए।
  51. प्रश्न- सामुदायिक विकास की विधियों को समझाइये।
  52. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यकर्त्ता की विशेषताएँ एवं कार्य समझाइये।
  53. प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना संगठन को विस्तार से समझाइए।
  54. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम को परिभाषित कीजिए एवं उसके सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  55. प्रश्न- समुदाय के प्रकार बताइए।
  56. प्रश्न- सामुदायिक विकास की विशेषताएँ बताओ।
  57. प्रश्न- सामुदायिक विकास के मूल तत्व क्या हैं?
  58. प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना के अन्तर्गत ग्राम कल्याण हेतु कौन से कार्यक्रम चलाने की व्यवस्था है?
  59. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम की सफलता हेतु सुझाव दीजिए।
  60. प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना की विशेषताएँ बताओ।
  61. प्रश्न- सामुदायिक विकास के सिद्धान्त बताओ।
  62. प्रश्न- सामुदायिक संगठन की आवश्यकता क्यों है?
  63. प्रश्न- कार्यक्रम नियोजन से आप क्या समझते हैं?
  64. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम क्या है?
  65. प्रश्न- प्रसार प्रबन्धन की परिभाषा, प्रकृति, सिद्धान्त, कार्य क्षेत्र और आवश्यकता बताइए।
  66. प्रश्न- नेतृत्व क्या है? नेतृत्व की परिभाषाएँ दीजिए।
  67. प्रश्न- नेतृत्व के प्रकार बताइए। एक नेता में कौन-कौन से गुण होने चाहिए?
  68. प्रश्न- प्रबंध के कार्यों को संक्षेप में समझाइए।
  69. प्रश्न- प्रसार शिक्षा या विस्तार शिक्षा (Extension education) से आप क्या समझते है, समझाइए।
  70. प्रश्न- प्रसार शिक्षा व प्रबंधन का सम्बन्ध बताइये।
  71. प्रश्न- विस्तार प्रबन्धन से आप क्या समझते हैं?
  72. प्रश्न- विस्तार प्रबन्धन की विशेषताओं को संक्षिप्त में समझाइए।
  73. प्रश्न- प्रसार शिक्षा या विस्तार शिक्षा की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
  74. प्रश्न- विस्तार शिक्षा के महत्व को समझाइए।
  75. प्रश्न- विस्तार शिक्षा तथा विस्तार प्रबंध में क्या अन्तर है?

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